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वर्ष 1958 में महाविधालय की स्थापना में बी.एस.एम. प्रबंध समिति, रूडकी की भूमिका सर्वोपरि है|

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महाविधालय की स्थापना एक गौरवशाली अधयाय के रुप में स्वीकार की गई| यही कारण है कि अध्ययन,अध्यापन,परीक्षाफल, अनुशासन तथा विविध शिक्षणेत्तर गतिविधियो में यह महाविधालय के अग्रणी महाविधालयो की श्रेणी में गिना जाता है|

महाविधालय को राष्ट्रीय एकीकरण शिविरो,विशाल रक्तदान शिविरो, वाद-विवाद प्रतियोगताओ एवं यू०जी०सी० द्धारा अनुदानित एवं अनुमोदित राष्ट्रीय संगोषिठ्यों को आयोजित करने का गौरव प्राप्त है|

माननीय सर्वोच्च न्यायलय के पत्र संख्या 10/04/9-ए दिनांक 26 फरवरी 2009 एवं 17 मार्च 2009 के निर्देशनुसार शासन के पत्र संख्या 322/04/54/(6)/2009 के निर्देशों का पालन करते हुए महाविधालय का मार्च में यू.जी.सी. की स्वायत संस्था नैक(बंगलौर) की पीयर टीम द्धारा मूल्यांकन एवं प्रत्यापन किया जा चुका है| जिसमे बी-ग्रेड प्राप्त महाविधालय है |

वित्तपोषित:- कला एवं वाणिज्य संकाय एवं स्नात्कोत्तर अध्धयन तथा शोध क्षेत्र में महाविधालय में स्नातक स्तर पर अनुदानित व्यवस्था के अन्तर्गत सन 1958 से हिन्दी, अंग्रेजी, राजनिति विज्ञान, अर्थशास्त्र, संस्क्रत, इतिहास तथा समाजशास्त्र एवं 1970 से स्नात्कोत्तर स्तर पर हिन्दी, अंग्रेजी, राजनिति विज्ञान, अर्थशास्त्र में कुशलतापूर्वक अथ्यापना कार्य की व्यवस्था है|

स्व:वित्तपोषित:- योजना के अन्तर्गत जहाँ सन 1996-97 बी. कॉम। की कक्षाएँ प्रारम्भ हुई है वहीं सत्र 2006-07 से स्वतित्त पोषित योजना के अन्तर्गत छात्र-छात्राओ की अधिकता को देखते हुये स्नातक स्तर पर हिन्दी, अंग्रेजी, समाज-शास्त्र, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्क्रत, चित्रकला, गृह विज्ञान, भूगोल,बी.एस.सी. क्रषि संकाय बी.एस.सी. (सी०बी०जैड०/पी०सी०एम०) तथा व्यवसायिक पाठयक्रम के अन्तर्गत बी.लिब.,एम.लिब. स्नातकोत्तर स्तर पर एम. ए. इतिहास,संस्क्रत एवं समाजशास्त्र की सुविधा उपलब्ध है| इनके अतिरिक्त पी.एच.डी. उपाधि के लिये शोध सुविधाएं भी महाविधालय में उपलब्ध है|

नोट:- बी.काम. में कम्प्यूटर कोर्स की भी व्यवस्था है|